पटना / लोकसभा चुनाव के नतीजे ने तय कर दिया कि लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान अपने वोट बैंक को सहेजने में कामयाब रहे। पिछली बार की तरह इस बार भी उन्होंने अपनी पार्टी लोजपा (रामविलास) का स्ट्राइक रेट सौ प्रतिशत कायम रखा। वर्ष 2019 के चुनाव में एनडीए से सीट शेयरिंग में छह सीटें लोजपा को मिली थीं और उसे सभी सीटों पर सफलता मिली थी। फिर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो भाग में बट गई। तब चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस पार्टी प के पांच सांसदों के साथ अलग हो गए थे। चिराग लोजपा के अकेले सांसद रह गए थे । चुनाव आयोग ने लोजपा का सिंबल जब्त करते हुए चिराग को नई पार्टी लोजपा (रामविलास) दिया था। वहीं पारस के हाथ राष्ट्रीय लोक
जनशक्ति पार्टी आई थी।
फिर भी चिराग पासवान ने अपने हौसले को बनाए रखा और पासवान वोटों को एकजुट करते रहे। इसका फल भी चिराग को मिला इस बार भाजपा ने पशुपति कुमार पारस को किनारे कर चिराग पर भरोसा किया और पिछली बार से एक सीट कम कर पांच सीटें चिराग को दी। चिराग ने भी भाजपा के भरोसे को कायम रखा और चाचा पारस से दूरी बनाते हुए पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रहे। चिराग के लिए यह पहला चुनाव था, जो अपने पिता रामविलास पासवान के बिना छत्रछाया के लड़े। खुद चिराग हाजीपुर सीट से बड़े अंतर से जीते। हाजीपुर से पहली बार जीते चिराग ने यह भी साबित किया कि रामविलास पासवान के असली राजनीतिक उत्तराधिकारी वही हैं। वहीं लोजपा (रामविलास) पार्टी के पांचों सिटो से विजई होने के बाद दानापुर विधानसभा क्षेत्र के खगौल में युवा कार्यकर्ताओं में काफी खुशी की लहर देखी गई जीत की खबर सुनने के बाद युवा कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर ,एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जीत की बधाई दी।साथ ही साथ उन्होंने कहा की ये तो अभी शुरुआत है , विधानसभा चुनाव में हम जीत रहे हैं और चिराग पासवान जी मुख्यमंत्री बिहार के बनने वाले हैं । वही इस मौके परसुनील कुमार उर्फ सोनू , युवा प्रदेश सचिव ,खगौल,लोजपा (रामविलास) ,चंदन कुमार युवा कार्यकर्ता , लोजपा (रामविलास),चंदन यादव युवा प्रदेश उपाध्यक्ष , लोजपा (रामविलास),कुंदन पासवान युवा प्रदेश महासचिव , लोजपा (रामविलास), अभिषेक कुमार उर्फ गोलू,युवा जिला सचिव, लोजपा (रामविलास), जिला सचिव हीरा देवी, पश्चिम जिला , लोजपा (रामविलास) , जेपी यादव, विवेक कुमार, रौशन कुमार, धर्मेंद्र कुमार,बंटी कुमार, रोहित कुमार, संजीव कुमार, चंदन कुमार उर्फ बोतल एवं अन्य कार्यकर्ता हुए शामिल.